"ज्ञानपीठ पुरस्कार"
- ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत सरकारतर्फे साहित्याच्या क्षेत्रात दिला जाणारा सर्वोच्च पुरस्कार आहे. इ.स. १९६१ मध्ये हा पुरस्कार देण्यात येणार असल्याची अधिकृत घोषणा झाली आणि सन १९६५ पासून तो दरवर्षी देण्यात येतो. प्रसिद्ध मल्याळम लेखक जी. शंकर कुरूप हे या पुरस्काराचे प्रथम मानकरी ठरले.
- ज्ञानपीठ पुरस्कारात 'पुरस्कार-पत्र', 'वाग्देवीची प्रतिमा' आणि 'सात लाख रुपयांचा धनादेश' यांचा समावेश असतो.
- ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेते मराठी साहित्यिक खालीलप्रमाणे
- वि. वा. शिरवाडकर, विशाखा (१९८७)
- विंदा करंदीकर, अष्टदर्शने (२००३)
वर्ष
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नाव
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कलाकृती
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भाषा
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इ.स. १९६५
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जी. शंकर कुरुप
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ओदाक्कुजल
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मल्याळम
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इ.स. १९६६
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ताराशंकर बंदोपाध्याय
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गणदेवता
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बंगाली
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इ.स. १९६७
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के.वी. पुट्टप्पा
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श्री रामायण दर्शनम्
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कन्नड
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इ.स. १९६७
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उमाशंकर जोशी
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निशिथ
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गुजराती
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इ.स. १९६८
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सुमित्रानंदन पंत
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चिदंबरा
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हिंदी भाषा
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इ.स. १९६९
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फिराक गोरखपुरी
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गुल-ए-नगमा
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उर्दू
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इ.स. १९७०
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विश्वनाथ सत्यनारायण
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रामायण कल्पवरिक्षमु
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तेलुगू
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इ.स. १९७१
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विष्णू डे
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स्मति से टा भविष्यत
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बंगाली
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इ.स. १९७२
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रामधारीसिंह दिनकर
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उर्वशी
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हिंदी भाषा
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इ.स. १९७३
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दत्तात्रेय रामचंद्र बेंद्रे
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नकुतंति
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कन्नड
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इ.स. १९७३
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गोपीनाथ मोहंती
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मत्तिमाताल
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उडिया
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इ.स. १९७४
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विष्णू सखाराम खांडेकर
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ययाति
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मराठी
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इ.स. १९७५
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पी.वी. अकिलानंदम
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चित्रपवई
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तमिळ
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इ.स. १९७६
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आशापूर्णा देवी
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प्रथम प्रतिश्रुति
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बंगाली
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इ.स. १९७७
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के. शिवराम कारंत
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मुक्कजिया कनसुगालु
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कन्नड
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इ.स. १९७८
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अज्ञेय
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कितनी नावों में कितनी बार
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हिंदी भाषा
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इ.स. १९७९
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बिरेंद्रकुमार भट्टाचार्य
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मृत्युंजय
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आसामी
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इ.स. १९८०
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एस. के. पोत्ताकट
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ओरु देसात्तिन्ते कथा
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मल्याळम
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इ.स. १९८१
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अमृता प्रीतम
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कागज के कैनवस
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पंजाबी
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इ.स. १९८२
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महादेवी वर्मा
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यम
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हिंदी भाषा
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इ.स. १९८३
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मस्ती वेंकटेश अयंगार
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चिक्कवीर
राजेंद्र
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कन्नड
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इ.स. १९८४
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तकाजी शिवशंकरा पिल्लै
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कयर
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मल्याळम
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इ.स. १९८५
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पन्नालाल पटेल
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मानविनी
भवाई
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गुजराती
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इ.स. १९८६
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सच्चिदानंद राउतराय
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-
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उडिया
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इ.स. १९८७
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विष्णू वामन शिरवाडकर(कुसुमाग्रज)
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-
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मराठी
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इ.स. १९८८
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सी. नारायण रेड्डी
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विश्वंभर
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तेलुगू
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इ.स. १९८९
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कुर्तुल हैदर
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आखिर-ए-शब
के हमसफर
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उर्दू
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इ.स. १९९०
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वी. के. गोकाक
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भारत सिंधू
रश्मी
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कन्नड
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इ.स. १९९१
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सुभाष मुखोपाध्याय
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-
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बंगाली
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इ.स. १९९२
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नीरेश मेहता
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-
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हिंदी भाषा
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इ.स. १९९३
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सीताकांत महापात्र
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-
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उडिया
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इ.स. १९९४
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यू. आर. अनंतमूर्ति
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-
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कन्नड
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इ.स. १९९५
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एम. टी. वासुदेव नायर
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-
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मल्याळम
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इ.स. १९९६
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महाश्वेता देवी
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-
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बंगाली
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इ.स. १९९७
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अली सरदार जाफरी
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-
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उर्दू
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इ.स. १९९८
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गिरिश कर्नाड
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साहित्यातील
योगदानासाठी
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कन्नड
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इ.स. १९९९
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निर्मल वर्मा
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-
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हिंदी भाषा
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इ.स. १९९९
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गुरदयालसिंह
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-
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पंजाबी
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इ.स. २०००
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इंदिरा गोस्वामी
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-
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आसामी
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इ.स. २००१
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राजेंद्र केशवलाल शाह
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-
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गुजराती
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इ.स. २००२
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दंडपाणी जयकांतन
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-
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तमिळ
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इ.स. २००३
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विंदा करंदीकर
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अष्टदर्शने
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मराठी
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इ.स. २००४
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रेहमान राही
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सुबहूक सोडा, कलमी राही
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काश्मिरी
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इ.स. २००५
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कुंवर नारायण
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हिंदी
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इ.स. २००६
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रवींद्र केळेकर
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-
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कोकणी
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सत्यव्रत शास्त्री
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-
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संस्कृत
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इ.स. २००७
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ओ. एन. व्ही. कुरुप
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मल्याळम
साहित्यातील योगदानासाठी
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मल्याळम
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इ.स. २००८
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अखलाक मुहम्मद खान
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-
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उर्दू
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इ.स. २००९
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अमर कांत
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-
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हिंदी
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श्रीलाल शुक्ला
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-
|
हिंदी
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इ.स. २०१०
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चंद्रशेखर कम्बरा
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-
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कन्नड
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इ.स. २०१३
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डॉ. प्रतिभा रे
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ओडिया
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रावुरी भारद्वाज
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-
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तेलुगू
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"साहित्य अकादमी पुरस्कार"
भारतीय साहित्य अकादमी तर्फ॓ २२ भाषांतील साहित्यिकांना प्रदान केला जातो.
मराठीतील पुरस्कार विजेते
·
१९५५ – तर्कतीर्थ लक्ष्मणशास्त्री जोशी–
'वैदिक संस्कृतीचा
विकास'
·
१९५६ – बाळ सीताराम मर्ढेकर –
'सौंदर्य आणि
साहित्य'
·
१९५७ – पुरस्कार
वितरण नाही.
·
१९५८ – चिंतामणराव
कोल्हटकर – 'बहुरूपी'
·
१९५९ – गणेश त्र्यंबक देशपांडे –
'भारतीय साहित्यशास्त्र'
·
१९६० – विष्णु सखाराम खांडेकर –
'ययाति'
·
१९६१ – द.न. गोखले – 'डॉ.
केतकर'
·
१९६२ – पुरुषोत्तम यशवंत देशपांडे –
'अनामिकेची चिंतनिका'
·
१९६३ – श्री. ना. पेंडसे –
'रथचक्र'
·
१९६४ – रणजित देसाई – 'स्वामी'
·
१९६५ – पु.ल. देशपांडे – 'व्यक्ति
आणि वल्ली'
·
१९६६ – त्र्यंबक शंकर शेजवलकर –
'श्री शिवछत्रपति'
·
१९६७ – एन.जी.
केळकर – 'भाषाः
इतिहास आणि
भूगोल'
·
१९६८ – इरावती कर्वे – 'युगान्त'
·
१९६९ – श्रीनिवास नारायण बनहट्टी –
'नाट्याचार्य देवल'
·
१९७० – एन.आर.
पाठक – 'आदर्श
भारत सेवक'
·
१९७१ – दुर्गा भागवत – 'पैस'
·
१९७२ – गोदावरी परुळेकर – 'जेंव्हा
माणूस जागा
होतो'
·
१९७३ – जी. ए. कुलकर्णी – 'काजळमाया'
·
१९७४ – वि. वा. शिरवाडकर –
'नटसम्राट'
·
१९७५ – आर.बी. पाटणकर –
'सौंदर्य मीमांसा'
·
१९७६ – गो. नी. दांडेकर – 'स्मरणगाथा'
·
१९७७ – आत्माराम
रावजी देशपांडे
'कवी अनिल'
– 'दशपदी'
·
१९७८ – चिंतामणी त्र्यंबक खानोलकर –
'नक्षत्रांचे देणे'
·
१९७९ – शरदचंद्र
मुक्तिबोध – 'सृष्टि,
सौंदर्य आणि
साहित्यमू'
·
१९८० – मंगेश पाडगावकर – 'सलाम'
·
१९८१ – लक्ष्मण माने – 'उपरा'
·
१९८२ – प्रभाकर पाध्ये – 'सौंदर्यानुभव'
·
१९८३ – व्यंकटेश माडगूळकर – 'सत्तांतर'
·
१९८४ – इंदिरा संत – 'गर्भरेशमी'
·
१९८५ – विश्राम बेडेकर – 'एक
झाड आणि
दोन पक्षी'
·
१९८६ – ना.घ. देशपांडे – 'खूणगाठी'
१९८७
– रा. चिं. ढेरे – 'श्री
विठ्ठलः एक
महासमन्वय'
·
१९८८ – लक्ष्मण गायकवाड – 'उचल्या'
·
१९८९ – प्रभाकर उर्ध्वरेषे – 'हरवलेले
दिवस'
·
१९९० – आनंद यादव –
'झोंबी'
·
१९९१ – भालचंद्र वनाजी नेमाडे –
'टीका स्वयंवर'
·
१९९२ – विश्वास पाटील – 'झाडाझडती'
·
१९९३ – विजया राजाध्यक्ष – 'मर्ढेकरांची
कविता'
·
१९९४ – दिलीप पुरुषोत्तम चित्रे –
'एकूण कविता
– १'
·
१९९५ – नामदेव कांबळे – 'राघववेळ'
·
१९९६ – गंगाधर गाडगीळ – 'एका
मुंगीचे महाभारत'
·
१९९७ – म. वा. धोंड – 'ज्ञानेश्वरीतील
लौकिक सृष्टि'
·
१९९८ – सदानंद मोरे – 'तुकाराम
दर्शन'
·
१९९९ – रंगनाथ पठारे – 'ताम्रपट'
·
२००० – ना.धों. महानोर – 'पानझड'
·
२००१ – राजन गवस –
'टणकट'
·
२००२ – महेश एलकुंचवार –
'युगान्त'
·
२००३ – त्र्यंबक विनायक सरदेशमुख –
'डांगोरा एका
नगरीचा'
·
२००४ - सदानंद देशमुख - 'बारोमास'
·
२००५ - अरुण कोलटकर -
भिजकी वही
·
२००६ - आशा बगे -
भूमी
·
२००७ - जी.
एम. पवार
- विठ्ठल रामजी
शिंदे: जीवन
व कार्य
·
२००८ - श्याम मनोहर - 'उत्सुकतेने
मी झोपलो'
·
२००९ - वसंत आबाजी डहाके -
'चित्रलिपी' काव्यसंग्रह.
·
२०१० - सरोज देशपांडे -
अशी काळवेळ
(अनुवादित)
·
२०११ - माणिक गोडघाटे - वाऱ्याने
हलते रान
(ललितलेखसंग्रह)
·
२०१२ - जयंत पवार -
फिनिक्सच्या राखेतून
उठला मोर
(कथासंग्रह)
·
२०१२ - शारदा साठे - ’पांथस्थ-एका
भारतीय साम्यवादी
नेत्याची मुशाफिरी’
(अनुवादित)
|
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